नई दिल्ली/ब्यूरो। यूपी में निजाम बदलते ही पुलिस विभाग में भी बदलाव दिखना शुरू हो गया है। अपने रसूक के चलते बीते पांच सालों से थानों और चौकियों पर ठेकेदार के रूप में काबिज पुलिसकर्मियों पर सरकार बदलते ही गाज गिरी है।
गाजियाबाद एसएसपी ने अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार के मामले में 44 पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने एक साथ निलंबित कर दिया है। पुलिसकर्मियों पर अवैध उगाही, अनुशासनहीनता से लेकर कर्तव्य में लापरवाही के आरोप हैं। एलआईयू की गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर इन पुलिसकर्मियों को दोषी पाया गया है।
इन थानों में तैनात थे दोषी पुलिसकर्मी
थाना कोतवाली: 1
थाना साहिबाबाद: 11
थाना कविनगर: 3
थाना विजयनगर: 4
थाना खोड़ा: 2
थाना इंदिरापुरम: 7
थाना मोदीनगर: 1
थाना भोजपुर: 1
थाना लिंक रोड: 4
थाना ट्रॉनिका सिटी: 1
थाना लोनी बॉर्डर: 1
थाना लोनी: 1
थाना सिहानी गेट: 4
थाना मुरादनगर: 1
थाना मसूरी: 1
सीओ तृतीय पेशी: 1
साहिबाबाद थाने से 11 पुलिसकर्मी निलंबित
जिले के 44 पुलिसकर्मियों को एक साथ निलंबित किए जाने पर पुलिस महकमे में खलबली मच गई है। एसएसपी की इस कार्रवाई को प्रदेश में सत्ता परिवर्तन से जोड़कर देखा जा रहा है। निलंबित पुलिसकर्मी सपा सरकार में काफी मजबूत स्थिति में थे। निलंबित पुलिसकर्मियों में दो हेड कांस्टेबल और 42 कांस्टेबल हैं। साहिबाबाद थाने में तैनात सबसे अधिक 11 पुलिसकर्मी और इंदिरापुरम में तैनात 7 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई है।
पुलिसकर्मियों पर कई गंभीर आरोप
निलंबित पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन से संबद्ध कर दिया गया है। साथ ही बगैर अनुमति के मुख्यालय न छोडऩे के आदेश दिए गए हैं। इन सब पर अनुशासनहीनता और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।
योगी का असर, गाजियाबाद में 44 पुलिसकर्मी सस्पेंड
Wednesday, March 22, 2017
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